📚 पेपर 3 खण्ड-(अ) अर्थशास्त्र
इकाई-1: भारतीय अर्थव्यवस्था के मौलिक पहलू
- भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ।
- विकसित भारत@2047।
- कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र का क्षेत्रीय योगदान।
- राष्ट्रीय आय की विभिन्न अवधारणाएँ।
- प्रमुख फसलें और फसल पैटर्न।
- चुनौतियाँ- घटती उत्पादकता, किसान संकट और मौसम पर निर्भरता।
- सरकारी पहल- पीएम-किसान, एनएमएसए और विभिन्न योजनाएँ।
- कृषि मूल्य नीति, विपणन और वित्त।
- मूल्यवर्धन के लिए कृषि स्टार्ट-अप और कृषि-प्रसंस्करण।
- भारत में औद्योगिक नीतियाँ और औद्योगिक विकास।
- विनिर्माण और अधोसंरचना- मेक इन इंडिया और अधोसंरचना परियोजनाएँ।
- आतिथ्य और पर्यटन- विदेशी मुद्रा आय में योगदान।
- भारत में वस्तु व सेवाओं का मानकीकरण।
इकाई-2: कराधान और नीति परिदृश्य
- राजकोषीय नीति- लोक व्यय, आगम, कराधान और घाटा प्रबंधन।
- मौद्रिक नीति और भारत में वित्तीय समावेशन।
- अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर नकद लेनदेन का प्रभाव।
- खाद्य सुरक्षा एवं लोक वितरण प्रणाली।
- गरीबी, बेरोजगारी और क्षेत्रीय असंतुलन।
- भारत का विदेशी व्यापार- मूल्य, संरचना और दिशा।
- निर्यात प्रोत्साहन, आयात प्रतिस्थापन और विदेशी पूँजी।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों की भूमिकाएँ- आई.एम.एफ., विश्व बैंक, ए.डी.बी. और डब्ल्यू.टी.ओ.।
इकाई-3: मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था का अवलोकन
- मध्यप्रदेश में राज्य घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश (ANMP)। एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम (ODOP)।
- प्रमुख फसलें और फसल पैटर्न तथा जोत।
- खाद्य सुरक्षा, वितरण प्रणाली और भंडारण।
- उद्यानिकी, पशुधन, डेयरी व मत्स्य पालन।
- औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति, अधोसंरचना का विकास।
- एम.एस.एम.ई. और पारंपरिक उद्योगों का विकास और समर्थन।
- मध्यप्रदेश में ग्रामीण एवं शहरी विकास, जनजातीय अर्थव्यवस्था- कृषि पद्धति, प्रमुख वनोपज, हस्तशिल्प एवं हाट बाजार।
- पर्यटन, व्यापार और निवेश प्रोत्साहन।
इकाई-4: मध्य प्रदेश में सामाजिक एवं आर्थिक विकास
- स्वास्थ्य अधोसंरचना, शिक्षा और कौशल विकास।
- प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए नीतियाँ- वन, जल और खनिज।
- वित्तीय, सामाजिक समावेशन एवं कल्याणकारी योजनाएँ।
- मध्यप्रदेश की जनसांख्यिकी का प्रभाव।
- मानव संसाधन की उत्पादकता और रोजगार।
- मध्यप्रदेश में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों की प्रगति।
- राज्य का राजस्व, व्यय, ऋण एवं राजकोषीय अनुशासन।
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